भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी की छुट्टी होती है। इस दिन, भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा शहर में राक्षस कंस की जेल में देवकी की आठवीं संतान के रूप में हुआ था। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और आधी रात को भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है। यह आयोजन मथुरा और वृन्दावन सहित पूरे विश्व में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। जब-जब पाप और दुष्टता सीमा लांघती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतार लेते हैं। श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि और बुधवार के दिन हुआ था। इस साल की जन्माष्टमी बेहद खास है क्योंकि ये छुट्टी बुधवार को ही होगी. हालांकि, जन्माष्टमी की तारीख को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि (Krishna Janmashtami Puja Vidhi 2023 date)
इस दिन सबसे पहले आधी रात के समय पानी में काले तिल डालकर स्नान करें। अब घर के मंदिर में भगवान कृष्ण यानी ठाकुर जी की मूर्ति को सबसे पहले गंगा जल से स्नान कराएं और फिर दूध दही, घी, चीनी, शहद और केसर पंचामृत से छवि को स्नान कराएं. – अब सुबह 12 बजे साफ पानी से स्नान कराकर लड्डू गोपाल को भोग लगाएं, सम्मान करें और फिर आरती करें. बाल गोपाल को खीर में केसर, सूखे मेवे, मिश्री, साबूदाना या तुलसी के पत्ते डालकर भोग लगाएं। साथ ही सफेद मिठाई का भोग लगाएं. ऐसा करने से कान्हा का लाभ मिलता है और भाग्य भी बेहतर हो जाता है।
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जन्माष्टमी 2023 पर रोहिणी नक्षत्र (Janmashtami 2023 रोहिणी नक्षत्र समय)
कृष्ण के जन्म के समय अर्धरात्रि (आधी रात) थी, चंद्रमा उदय हो रहा था और उस समय रोहिणी नक्षत्र भी था। यही कारण है कि इन तीन योगों को कान्हा की जन्मतिथि मनाने का दिन माना जाता है।
इस साल जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र 6 सितंबर 2023 को सुबह 09 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और अगले दिन 7 सितंबर 2023 को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा.
मथुरा में कृष्ण जन्माष्टमी ( Krishna Janmashtami in Mathura)
मथुरा में श्रीकृष्ण के घर और वृन्दावन में बांकेबिहारी मंदिर में एक ही दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी। श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में गुरुवार, 7 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। श्री कृष्ण के घर के अनुसार ही ब्रजवासी भी जन्माष्टमी की छुट्टियों का लुत्फ उठा रहे हैं। यहां 7 सितंबर को जन्माष्टमी है. वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख द्वारकाधीश मंदिर में भी इसी दिन जन्माष्टमी मनाई जाती है. वहीं, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. गृहस्थ लोग षष्ठी तिथि यानी बुधवार को जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे।
कृष्ण जन्माष्टमी 2023 (Krishna Janmashtami 2023)
6 सितंबर 2023: इस दिन जन्माष्टमी मनाना परिवार के सदस्यों के लिए भाग्यशाली रहेगा। इस दिन रोहिणी नक्षत्र में पूजा-पाठ का अच्छा समय है और रात्रि पूजा का भी योग बन रहा है.
7 सितंबर 2023: पंचांग के अनुसार इस दिन वैष्णव संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी मनाएंगे. साधु-संतों के लिए कृष्ण की स्तुति करने का अलग-अलग तरीका है। ग्रंथों में पंचदेवों (गृहस्थों) के अनुयायियों यानी स्मार्त समूह के लोगों के लिए कृष्ण की पूजा को अलग-अलग तरीके से समझाया गया है। इसी दिन दही हांडी कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा.